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राजस्थान में जाटों के तेज तर्रार नेता हनुमान बेनीवाल आगामी विधानसभा चुनाव के लिए नई पार्टी बनाएंगे और समान विचारधारा वाले अन्य दलों को साथ लाकर राज्य के मतदाताओं को तीसरे मोर्चे का विकल्प देने की कोशिश करेंगे।
उल्लेखनीय है कि साल 2008 में बीजेपी के टिकट पर खींवसर से विधायक चुने गए बेनीवाल की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से नहीं बनी और वह अलग हो गए। साल 2013 में वह निर्दलीय के रूप में जीते। राज्य की राजनीति में बड़ी भागीदारी रखने वाला जाट समुदाय नागौर, सीकर, बीकानेर सहित शेखावटी के कई जिलों की 50 से ज्यादा सीटों में परिणामों को प्रभावित कर सकता है
बेनीवाल मौजूदा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले तीन बड़े (पूर्व) बीजेपी नेताओं में से एक हैं। दो अन्य नेता घनश्याम तिवाड़ी और किरोड़ी लाल मीणा रहे। भाजपा ने मीणा को तो 'वापसी के लिए मना लिया लेकिन तिवाड़ी अपनी भारत वाहिनी पार्टी के बैनर तले 'भाजपा के कुशासन से मुकाबला करने को अडिग दिखते हैं।राजपूत बनाम जाट के खेल में राजनीतिक पटल पर तेजी से पकड़ बनाने वाले बेनीवाल हाल ही में नागौर, बाड़मेर, बीकानेर तथा सीकर में बड़ी किसान हुंकार रैलियों के जरिए अपना शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं।
राजस्थान में जाटों के तेज तर्रार नेता हनुमान बेनीवाल आगामी विधानसभा चुनाव के लिए नई पार्टी बनाएंगे और समान विचारधारा वाले अन्य दलों को साथ लाकर राज्य के मतदाताओं को तीसरे मोर्चे का विकल्प देने की कोशिश करेंगे।
उल्लेखनीय है कि साल 2008 में बीजेपी के टिकट पर खींवसर से विधायक चुने गए बेनीवाल की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से नहीं बनी और वह अलग हो गए। साल 2013 में वह निर्दलीय के रूप में जीते। राज्य की राजनीति में बड़ी भागीदारी रखने वाला जाट समुदाय नागौर, सीकर, बीकानेर सहित शेखावटी के कई जिलों की 50 से ज्यादा सीटों में परिणामों को प्रभावित कर सकता है
बेनीवाल मौजूदा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले तीन बड़े (पूर्व) बीजेपी नेताओं में से एक हैं। दो अन्य नेता घनश्याम तिवाड़ी और किरोड़ी लाल मीणा रहे। भाजपा ने मीणा को तो 'वापसी के लिए मना लिया लेकिन तिवाड़ी अपनी भारत वाहिनी पार्टी के बैनर तले 'भाजपा के कुशासन से मुकाबला करने को अडिग दिखते हैं।राजपूत बनाम जाट के खेल में राजनीतिक पटल पर तेजी से पकड़ बनाने वाले बेनीवाल हाल ही में नागौर, बाड़मेर, बीकानेर तथा सीकर में बड़ी किसान हुंकार रैलियों के जरिए अपना शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं।
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