diwali rangoli 2018: अपने घर में बना सकते हैं ये लेटेस्ट रंगोली डिजाइन RAKESH JAKHAR

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दीवाली के मौके पर सभी लोग अपने घरों को साफ -सुथरा कर सजाने में जुटे हैं। कोई दीवारों पर नया रंग चढ़वा रहा है तो कोई नई पेंटिंग बनवा रहा है। इस मौके पर घर को पारंपरिक रूप से सजाने के लिए रंगोली बनाना एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है। रंगोली का मुख्य उद्देश्य सजावट तो होता ही है साथ ही मान्यता है इससे घर में सौभाग्य आता है। विवाह हो, त्योहार हो या फिर कोई भी शुभ मुहूर्त हो महिलाएं घरों में रंगोली जरूरी बनाती हैं। तमिलनाडु, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में हर खास मौके पर या यूं भी रंगोली सजाई जाती है। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में भी द्वार पूजन की परम्परा प्राचीन काल से रही है। उत्तर प्रदेश कई इलाकों में आटे की रंगोली को चौक पूरना भी कहते हैं। यह अक्सर पंडित या पुरोहित द्वारा सत्यनारायण कथा और किसी पूजा के वक्त बनाई जाती है। चौक आटा, हल्दी, बेसन, चावल, तिल और फूलों से बनाई जाती है।

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HELLO FRIENDS SUB MY CHANEL

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BEST RANGOLI


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कुछ बच्चे सड़क पर अपने पटाखे जला रहे थे..
अभी एक पटाखे में चिंगारी लगाई ही थी की सामने से एक आंटी आती दिखी . .
सब चिल्लाने लगे …
आंटी पटाखा है …
आंटी पटाखा है …
आंटी पटाखा है …
आंटी मुस्कराई और बोली :
नहीं रे पगलो, अब पहले जैसी बात कहां।।





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पर्व है पुरुषार्थ का,
दीप के दिव्यार्थ का,
देहरी पर दीप एक जलता रहे,
अंधकार से युद्ध यह चलता रहे,
हारेगी हर बार अंधियारे की घोर-कालिमा,
जीतेगी जगमग उजियारे की स्वर्ण-लालिमा,
दीप ही ज्योति का प्रथम तीर्थ है,
कायम रहे इसका अर्थ, वरना व्यर्थ है,
आशीषों की मधुर छांव इसे दे दीजिए,
प्रार्थना-शुभकामना हमारी ले लीजिए!!
झिलमिल रोशनी में निवेदित अविरल शुभकामना
आस्था के आलोक में आदरयुक्त मंगल भावना!!!



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