कुछ रोचक ज्ञान की बाते RAM JI RAM

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झुकना
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झुकना

कुए में उतरने वाली बाल्टी यदि झुकती है,तो भरकर बाहर आती जीवन का भी यही गणित है,जो झुकता है वहप्राप्त करता है...

दया

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दया

जीवन में किसी पर दया करोगे,तो वो याद करेगा...क्योंकि दया का उल्टा याद होता है।जीवन में किसी पर दया करोगे,तो वो याद करेगा...क्योंकि दया का उल्टा याद होता है।जीवन में किसी पर दया करोगे,तो वो याद करेगा...क्योंकि दया का उल्टा याद होता है।जीवन में किसी पर दया करोगे,तो वो याद करेगा...क्योंकि दया का उल्टा याद होता है।

भला करो
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भला करो

जीवन में किसी का भला करोगे,तो लाभ होगा...क्योंकि भला का उल्टा लाभ होता है ।जीवन में किसी का भला करोगे,तो लाभ होगा...क्योंकि भला का उल्टा लाभ होता है ।जीवन में किसी का भला करोगे,तो लाभ होगा...क्योंकि भला का उल्टा लाभ होता है ।जीवन में किसी का भला करोगे,तो लाभ होगा...क्योंकि भला का उल्टा लाभ होता है ।

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समझो खुद को

भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' इन्सानो ' की.भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' इन्सानो ' की.भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' इन्सानो ' की.भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' इन्सानो ' की.


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पैसे की कीमत

जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है



शारीर को समझो

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शारीर को समझो

किनारे पर तैरने वाली लाश को देखकर ये समझ आया .. ..बोझ शरीर का नही साँसों का था..किनारे पर तैरने वाली लाश को देखकर ये समझ आया .. ..बोझ शरीर का नही साँसों का था..किनारे पर तैरने वाली लाश को देखकर ये समझ आया .. ..बोझ शरीर का नही साँसों का था..किनारे पर तैरने वाली लाश को देखकर ये समझ आया .. ..बोझ शरीर का नही साँसों का था..
प्रार्थना मन से करो
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प्रार्थना मन से करो

सर झुकाने से नमाज़ें अदा नहीं होती...!!!दिल झुकाना पड़ता है इबादत के लिए...सर झुकाने से नमाज़ें अदा नहीं होती...!!!दिल झुकाना पड़ता है इबादत के लिए...सर झुकाने से नमाज़ें अदा नहीं होती...!!!दिल झुकाना पड़ता है इबादत के लिए...सर झुकाने से नमाज़ें अदा नहीं होती...!!!दिल झुकाना पड़ता है इबादत के लिए...
खुद को बदलो
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खुद को बदलो

पहले मैं होशियार था,इसलिए दुनिया बदलने चला था,आज मैं समझदार हूँ,इसलिए खुद को बदल रहा हूँ.पहले मैं होशियार था,इसलिए दुनिया बदलने चला था,आज मैं समझदार हूँ,इसलिए खुद को बदल रहा हूँ.पहले मैं होशियार था,इसलिए दुनिया बदलने चला था,आज मैं समझदार हूँ,इसलिए खुद को बदल रहा हूँ.पहले मैं होशियार था,इसलिए दुनिया बदलने चला था,आज मैं समझदार हूँ,इसलिए खुद को बदल रहा हूँ.कर्म करते रहो
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कर्म करते रहो

मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीक़ा,चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना. मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीक़ा,चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना. मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीक़ा,चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना. मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीक़ा,चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना. 

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